किसी से भी लगाव है तो वह लगाव पुरूषार्थ में अलबेला अवश्य बनायेगा
किसी से भी लगाव है तो वह लगाव पुरूषार्थ में अलबेला अवश्य बनायेगा।
किसी से भी लगाव है तो वह लगाव पुरूषार्थ में अलबेला अवश्य बनायेगा।
स्वस्थिति शक्तिशाली हो तो परिस्थिति उसके आगे कुछ भी नहीं है।
नज़र से निहाल करने की सेवा करनी है तो बापदादा को अपनी नज़रों में समा लो।
सहन करना ही स्वयं के शक्ति रूप को प्रत्यक्ष करना है
त्रिकालदर्शा की सीट पर सेट होकर हर कर्म करो तो माया दूर से ही भाग जायेगी।
दूसरों की भूल सुधार करने के बजाए एक बाप से ठीक संबंध रखो
ब्राह्मण जीवन की विशेषता है खुशी, इसलिए खुशी का दान करते चलो।
चलते-फिरते फरिश्ता स्वरूप में रहना-यही ब्रह्मा बाप की दिल-पसन्द उपहार है।
लवलीन स्थिति का अनुभव करने के लिए स्मृति-विस्मृति की युद्ध समाप्त करो
पवित्रता की शमा चारों ओर जलाओ तो बाप को सहज देख सकेंगे
श्रेष्ठ भाग्य की रेखा खींचने का कलम है श्रेष्ठ कर्म, इसलिए जितना चाहे उतना भाग्य बना.
संकल्प, समय और बोल की इकॉनामी करो तो बाबा की मदद को कैच कर सकेंगे।
सर्व सिद्धियां प्राप्त करने के लिए मन की एकाग्रता को बढ़ाओ।
असम्भव को सम्भव बनाना ही परमात्म प्यार की निशानी है।
बुद्धि रूपी कम्प्युटर में पूर्ण विराम की मात्रा आना माना प्रसन्नचित रहना