किताबों में इतना खजाना छुपा हैं जितना कोई लुटेरा कभी लूट नहीं सकता
किताबों में इतना खजाना छुपा हैं, जितना कोई लुटेरा कभी लूट नहीं सकता |
किताबों में इतना खजाना छुपा हैं, जितना कोई लुटेरा कभी लूट नहीं सकता |
बिना ग्रंथों का कक्ष, बिना आत्मा का देह है |
Pustak deti humko gyan jab hota mann pareshaan.
लोगों को मारा जा सकता है, लेखकों को भी, लेकिन किताबों को मारना संभव नहीं|
पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तः करण को उज्ज्वल करती हैं
Pustak mein hoti nayi khoj, pustak se milati nayi soch.
आज के लिए और सदा के लिए सबसे बड़ा मित्र है अच्छी पुस्तक।
जो पुस्तकें हमें सोचने के लिए विवश करती हैं, वे हमारी सबसे अधिक सहायक हैं
Ek bhawan mein saji hain pustak kai hajaar, bachche inko dekhte, padhte baarambaar.
Jab na ho koi sangi-sathi, pustak hi tab mann behelaati.
Sujhe na jab koi nidaan, pustak se milta samadhaan.