आतंकी हरकतों से दहल गया संसार
आतंकी हरकतों से, दहल गया संसार, अमन-चैन के लिए अब, हों सब एकाकार
आतंकी हरकतों से, दहल गया संसार, अमन-चैन के लिए अब, हों सब एकाकार
कोई भी आतंकवाद मुक्तिवादी मूल्यों पर हमला है ।
बरसे आतंकी कहर, बिगड़े जग-हालात, अब होनी ही चाहिए, अमन-चैन की बात.
जब देश को खतरा हो गद्दारों से तो गद्दारों को धरती से मिटाना जरूरी है. जब गुमराह हो रहा हो युवा देश का, तो उसे सही राह दिखाना जरूरी है
आतंकी सैलाब में, मानवता की नाव, कहर दुखों का झेलती, पाए तन-मन घाव.
आंखों में आंसू, सूना आंचल नहीं चलेगा, हम हैं दृढ, अब आतंकवाद नहीं चलेगा.
न पंजाब में चला, न कश्मीर में चला, अब न कहीं और चलेगा, थक कर चूर हो चला है, अब आतंकवाद नहीं चलेगा.
रक्त-पिपासू बने जो, आतंकी अतिक्रूर, सबक सिखाता है समय, भूल गये मगरूर.
अब गुंडों का राज मिटा दो, यानि आतंकवाद मिटा दो, बीच जो हैं दीवारे नफरत, उसको मिलकर यार गिरा दो.
विश्व शांति के दौर में, आतंकी विस्फोट, मानव मन में आई क्यों, घृणा भरी यह खोट
आम ये आवाम अपनी खासियत बतलाएगा, मुल्क में दहशत का आलम अब सहा ना जाएगा.
हम प्रभावी रूप से प्यार के रूप में हिंसा से अपने आप को नष्ट कर रहे हैं.
आत्मघाती आतंकवाद बंद हो जाता है जब हम विदेशों में हस्तक्षेप करना बंद करे.